बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी का सपना है अपनी ख़ास दोस्त रेखा को किसी फिल्म में डायरेक्ट करने का.
वैसे एक बार फिर कैमरा के पीछे आ गई हैं हेमा मालिनी और इसकी वजह है उनकी बड़ी बेटी ईशा देओल.
हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में ईशा का करियर अब तक परवान नहीं चढ़ पाया है. हेमा को लगता है कि आज तक किसी ने भी उसकी प्रतिभा का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया.
अपने प्रोडक्शन बैनर तले बन रही फिल्म 'टेल मी ओ ख़ुदा' से हेमा की कोशिश है कि बेटी को एक बार फिर से लॉंच करने की.
इस फ़िल्म का निर्देशन पहले मयूर पूरी कर रहे थे, लेकिन कुछ मतभेदों के कारण निर्देशन की डोर हेमा ने खुद अपने हाथों में ले ली है.
अपनी बेटी की तारीफ़ करते हुए हेमा कहती हैं कि सिर्फ़ अभिनय ही नहीं बल्कि ईशा फ़िल्म से जुड़े बाकी पहलुओं में भी दिलचस्पी लेती हैं. वो फ़िल्म के संपादन में भी ख़ास ध्यान देती हैं.
हेमा से जब पूछा गया कि फ़िल्म निर्देशन ज़्यादा कठिन है या फिर अभिनय, तो उनका जवाब था,'' जब आप अभिनय करते हैं तो आपको सिर्फ़ ख़ूबसूरत दिखना होता है, अपने बोल याद रखने होते हैं और बस. लेकिन आप जब निर्देशक की कुर्सी पर बैठे होते हैं तो आप एक एक चीज़ का बेहद बारीकी से आकलन करते हैं. इसलिए ये काम बेहद कठिन है.''
फ़िल्म में ईशा एक ऐसी लड़की के किरदार में हैं जिसे अपने पिता की तलाश है. वैसे इस फ़िल्म से सिर्फ़ हेमा मालिनी ही नहीं जुड़ी हैं, बल्कि पिता धर्मेन्द्र भी इस फ़िल्म में एक ख़ास भूमिका में हैं.
ईशा कहती हैं कि फ़िल्म में कुछ ऐसे दृश्य हैं जिन्हें करते हुए वो और उनके पिता धर्मेंद्र भावुक हो उठे.
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